सोमवार, 13 जून 2011
तीसरी आँख
आज जहा कही भी भ्रस्टाचार ,तानाशाही ,शोसन ,कर्तव्यहीनता , ये चार शब्द सुनने में आसान
है ,| पर ये एक दरवाजा है ,|इसलिए देश की तीसरी आँख आप पत्रकार मीडिया है ,इनकी धज्जिया उड़ा दे ,सत्य लिखो दिखावो ,और वज्र पात कर दो , एक लेखक होना सृजनात्मकता है ,| दया ,विनय ,सम्मान ,कर्तव्य ही कर्म होना चाहिए ,जल प्रवाह प्रत्यक्ष की अपेक्षा परोक्ष से आसानी से रूक जाती है ,लेकिन भ्रस्टाचार ,तस्करी ,अपराध , आगे -आगे और c.b.i। , c.i.d। आयकर विभाग ,कस्टम , वाले पीछे -पीछे जबकि इन्हें आगे होना होगा ,रोते कलपते , गुमनाम प्रताड़ित ,बलात्कार ,को न्याय मिले रक्षा हो ,रक्षक भी भक्षक बन जाते है ,|
विचार ,परिस्थितया,समझ ,और चिंतन से उत्पन्न होते है ,ग्राही प्यासे होते है ,जहा सभी पढ़े लिखे होते है ,वहा मशीनये मजदूर बन जाती है ,हर थाने पर मानवाधिकार वाले हो , कैमरा लगे , हर सप्ताह एक मौत थाने में होती है , हमारे वाराणसी में एक अपराधी को पीट -पीट कर मार डाला गया , मुझे सड़क पर अनायास मारा गया ताकि ये घर जाय और मर जाय बी , एच , यू , के लोग थे , मेरी दर्द की मै ही जनता हु , प्लानिंग तो इतनी बुरी मौत की थी पर वे असफल रहे , जैसे जानवर को मार कर सब कुछ निकाल देना , हा मै चालाक हु , तो तुम्हारी क्यों सुलग रही है , वर्दी बाप की है ,दुश्मनी निकलने के लिए , कुछ पोलिस वाले ही बचाए भी ,
सरकार हर दिवस जो विशेष उद्देस्य और मकसद के लिए आते है ,जैसे पर्यावरण ,शांति , शिक्षक ,बाल दिवस आदि पर विशेष समाज हितकर सक्त और सार्थक करे , श्रम विभाग रोजगार दे सभी असिक्षितो को ,
नगरो के इतिहास को आधुनिकता का संपर्क दे , अगर नहीं तो भारत सरकार पर्यटन विभाग को बड़ा करे ,guido की भर्ती करे ,घुमने के शौक़ीन देसी -विदेसी को सुरक्षा और सुविधा दे , भले ही उसके लिए अतिरिक्त पैसा ले ,
याद रहे जो हम है कही कोई उससे भी ज्यादा मजबूर जरूरतमंद और छोटा है ,तो जहा रहो खुश रहो ,| अहम् त्यागो ,अहमी छोटे होते है ,नेक इरादे से किया गया कार्य वरदान बन जाता है ,
aap patrakaar bhaiwo ke liye ...
akhbaar ,patrika aur samachaar ...
desh ke chintak aap patrakaar ...
jano kya chal raha ish sansaar ...
kaisi chaal chal rahi ye sarkar
desh ke prahari aap patrakaar ...
here is above dedicated song for you all journalist (media)
saluting for all state .....listen and enjoy
writer ;- praising ....ravikant yadav m .com 2010
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