गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

कभी देखा है - सब चलता है भाई !!!!!



आज भी लोग मस्ती में स्कूटरों पर चलते है , यदि तेल की कमी से रुक गया तो बेचारे को लोटा कर तब तक मारेगे जब तक चिल्ला कर दौड़ने न लगे , कुछ लोग रोड पर ऐसे चले गे मानो हट जाओ तोप ले कर आ रहा हु , क्या करे ब्रेक ही सही नहीं लगती , लोग जल निगम की टोतिया खोल लेगे अहसान में लकड़ी की गुल्लिया थोक देगे मानो कह रहे हो साले कब आता है , कब जाता है ,बता दिया कर और ज्यादा चिल्लाया मत कर , तरस खाकर कोई फिर नयी टोंटी लगाता है तोह झगदुवा उसे फिर वही बेच देता है जहा से आया था ,भाई यहाँ कारन क्या है , सडको पर गड्ढे दीखते नहीं इसलिए पिच्च से लाल रंग का नोटिस बोर्ड चिपका दिया जाता है ताकि कुछ दिखे कुछ लोग वैध तो कुछ अवैध करते है , कुछ लोग कार्यालयों में बारहों मॉस होली खेलते है मजाल है कोई कुछ पूछ ले तुरंत स्प्रे कर देगे , और गप्पबाज़ी से अच्छा है घाघ बनना ,खोपडिया कौन खाली करे , इस तरह कोई आरोप भी नहीं लगाएगा कुछ सभ्य नागरिक खुले गटर में बिना झंडे का डंडा लगाकर अच्छा काम करते है ,ताकि गंगा स्नान से अन्य बच जाये वैसे गंगा जी का पानी बहुत ज्यादा इससे अलग नहीं है , एक बार गंगा जी में दुबकी लगाने पर एक बच्चे ने खुजली की सिकायत की तो माँ ने कहा ऐसा नहीं कहते बेटा गंगा मैया गुदगुदी करके तुम्हे असिर्वाद दे रही है ,परेशानी पर यदि पर्यावरण परेसान करे तो कुछ लोग नाक दबाकर बाहर भागते है , कुछ लोग सान से दीवाल के पीछे खड़े मिलते है , कुछ लोग अजीज आकार दीवाल पर लिख भी देते है देखो यहाँ गधा मूत रहा है , आप ही सही कुछ तोह सिखा रहे हो , विकल्प तोह तलासना ही पड़ेगा , सायद मै पढ़ लिखकर कुछ उखाड़ लू -पहले ही कितने चालाक भैया लोग बैठे है ,किसी ने पुछा नासा क्या है मैंने कहा जो सब कुछ नास कर के आता है वही नासा है ...................m. com . 2010

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