मंगलवार, 21 अप्रैल 2009

भारत भाग्य विधाता ! india





हम प्रतेक वर्ष की भांति इस वर्ष भी , अपने विकाश के कछुवा चाल को बड़े गर्व से मना डाले ६१ वर्ष होगा ,हर साल ki तरह jagah जगह औपचारिकता निभाई जायेगी , जो chal रहा hai कानून से hai , फिर कमिया kaha है ,
जो लोग kahate है इससे अच्छा तो अंग्रेजो ka राज था , बस yahi मेरे sabar का baandh टूट jata है , जिस aazadi को पाने को रक्त ki नदिया बही , उसे हमही ब्यर्थ kahte है , वजह ko सजा zaroor मिले par किसे yaha तो सभी kahikahi किसी na किसी tarah मिले hue है कोर्ट se लेकर फोर्ट tak कोई समय निर्धारण nahi है ,
लेकिन है सब , नियम कानून के अंतर्गत , बचपन में kheto में chuho के बिलों में pani डालने par वो दुसरे चौथे bil से निकल jata था , कभी कभी चूहे की आस होती लेकिन बाप रे बाप ................
हर सरकारी विभाग दफ्तर में एक ही नारा है ,धन माल की लूट है लूट सको तो लूट लो , रेतिरेमेंट कॉल ayega तो पछताओगे पूछने पर एक जबाब आता है , अभी तो अपना वेतन २ वर्ष बाद सुरु होगा
एक वाहन की , सवारी पर सभी मंजिल पाने को बेताब , जिस दिन वाहन न हो तो ????????? तो फिर वही वाहन पाने की जित्च \\\\\
सभी कुछ है । नियम कानून है , सबसे बड़ा लोकतंत्र लिखित संबिधान , हमसे मिलो आगे जिनका लिखित संबिधान नही है , फिर वही प्रसन आख़िर समस्या कहा है ?अभी तक हम बिकाश शील देश का तमगा लिए घूम रहे है , क्यो ,क्यो??
आधुनिक विश्व में , भारत की पहचान केवल सभ्यता संस्कृति मात्र से , गर्वित होने की बात नही है ,
केवल क्यो जनसँख्या , और ........और .................हमें ........भूलने की बीमारी है
यदि नक़ल भी करे, तो भी हासिल होता है जो की न होने से तो अच्छा है या फिर क्षमता हो ,
अभ उनकी बात करते है जो , हमारा देशचलाते है , जो riste में तो हमारे दादा के rishtedar होते है , पाँच साल हमारी मेहमान nawaji का anand uthate है .एक वर्ष का , विकाश का loly pop , या gift हमें ज़रूर देते है ,
yaha तो पाँच varsiya partiya तो kahti ही है , तू sher तो मई sawasher ,
और हम कहते है , तू नही तो और सही ,आख़िर ये कब तक , हर पाँच साल , नही नही , experiment का ये formula ज़्यादा बड़ा है इसे ही कम करो , ३ साल , २ साल, are भाई kharcha बहुत आयेगा तोह फिर ,................??????????/
एक kahani story ........... एक बार t.v की volume ख़राब हो गई , चलाते ही shor , you can say high noise pollution , television पर मैच sehwag और gambhir अब तो सभी sachin है , मैच dekhu तो कैसे , अपनी samasya को , अपने पड़ोसी lohar ( who work with iron ) को batayi , lohar bola बस इतनी si problem , हे took his hammer और कहा बस इतनी si बात , कहा है ,t.v। ????????????
पर मेरे लिए ये इतनी si बात नही है ,
जो चल रहा है उसे , चलने दो , या उससे हमें क्या लेना देना , बस यही हमारी कमजोरी है हम स्वयं अपने विकाश के प्रति गति awarodhak utpann कर रहे है zimmedari , pahle बाद में , friz, ac , etc ।
ज़रूरत है meeshal बनने की , जिससे अन्य sheekhe , क्यो की श्रम , आत्म , atm nirbharta , और jaagrukhta , देश के विकाश की kunji है ,(key of success )
देश हमसे है , हम देश से नही ,
जय hind जय भारत , we must have to proud to be an indian









कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें